पूर्ति -04- अपने ब्रेस्ट कैंसर के बारे में परिवार और मित्रों को बताना
एक बार डॉक्टर के द्वारा कनफर्म कर दिये जाने के बाद अपने ब्रेस्ट कैंसर के समाचार को अपने परिवार व मित्रों को इसकी सूचना देना आपके लिए कठिन कार्य हो सकता है।
हो सकता है उनकी प्रतिक्रिया के बारे में सोचकर आपको थोड़ी चिंता हो रही हो, यह स्वाभाविक भी है। लेकिन उससे पहले सबसे जरूरी बात तो यह है कि आप अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखते हुए स्वयं को इस परिस्थिति के लिए तैयार करना होगा । अधिकतर देखा गया है कि महिलाएं वो पल भूल नहीं पाती हैं जब सबसे पहले उन्हें उनके ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता लगता है। ऐसी स्थिति में आपके लिए वह व्यक्ति सबसे अधिक मददगार सिद्ध हो सकता है जो स्वयं इस परिस्थिति से गुज़र चुका है, दूसरे शब्दों में एक ब्रेस्ट कैंसर की लड़ाई को जिसने जीत कर जिंदगी हासिल की हो।
अपने ब्रेस्ट कैंसर की जानकारी को सबको बताना
वैसे तो , आप अपने ब्रेस्ट कैंसर के बारे में कब और किसको बताएँगी, यह बिल्कुल एक निजी निर्णय होता है। हो सकता है कि किसी को भी इस रोग की जानकारी देने से पहले आप स्वयं कुछ समय लेना चाहती हों। लेकिन यह याद रखें कि एक ऐसा मित्र या पारिवारिक सदस्य जिसे आपकी हालत की जानकारी हो, वह उस समय भावनात्मक सपोर्ट के रूप में काम आ सकता है जब आप इस सूचना को अन्य लोगों के साथ शेयर कर रही हों। अधिकतर देखा गया है इस तरह की स्थिति में माँ-बेटी एक दूसरे के लिए सबसे बड़ी सपोर्ट के रूप में खड़ी होती हैं। जब आप अपने प्रिय जनों को इस बात की जानकारी देना चाहें तब इसकी शुरुआत आप उन लक्षणों और चिन्हों से कर सकती हैं जिनके आधार पर आपने सबसे पहले ब्रेस्ट कैंसर का टेस्ट करवाने का निर्णय लिया था और इसके बाद बात को आगे ले जाने में आपको इससे मदद मिल सकती है। इस तरह आप अपने अनुभव के जरिये परिवार के दूसरे सदस्यों और मित्रों को भी ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों के बारे में जानकारी दे रही हैं। इस समय आप हर छोटी-छोटी बात को बताएं, यह ज़रूरी नहीं है। सबको अलग-अलग एक ही बात को बार-बार बताने से तो अच्छा है कि आप यह सब एक ई-मेल में लिखकर जिसको देना चाहें दे सकती हैं।
अपने पति को ब्रेस्ट कैंसर के बारे में बताना
यदि आप विवाहित हैं तो इस स्थिति में आपके पति भी आपके साथ सबसे अधिक प्रभावित व्यक्ति हो सकते हैं।यह एक स्वाभाविक बात है कि वे न केवल आपके सेहत और स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हों बल्कि इस बीमारी के कारण होने वाले दूरगामी प्रभावों को सोच कर भी परेशान हो सकते हैं। अब क्योंकि आपके पास एक परिवार है जिसका आपको ध्यान भी रखना है और जिसके कारण आपके ऊपर कुछ जिम्मेदारियाँ भी हो सकती हैं। लेकिन जांच के दौरान आप जिन हालातों से गुजरती हैं उनके कारण हो सकता है कि आप घर के कुछ काम न कर पाएँ जिन्हें आप पहले बहुत सरलता से कर पाती थीं।
इस समयान्तराल में आपको अपनी जरूरतों को लेकर स्पष्ट रहें। इसके लिए आप अपने पति को अपने साथ डॉक्टर के पास चलने के लिए कह सकती हैं जिससे इस बीमारी को लेकर आप दोनों में किसी प्रकार की संदेह की स्थिति न रहे। आप दोनों कुछ समय साथ बिताएँ और उन्हें इस समय होने वाली विशेष जरूरतों के बारे में भी बताएं। उन्हें उस संभावना के बारे में भी बताएं जब जांच के दौरान आप घर के कुछ काम जैसे बच्चों, पालतू जानवर, ख़रीदारी और रोज़मर्रा के काम करने में असमर्थ हो सकती हैं।
आप अपने शरीर में आने वाले भावी परिवर्तनों के बारे में भी उन्हें बता कर मानसिक रूप से स्वयं को व उन्हें तैयार कर सकती हैं। कभी-कभी हो सकता है आप कमजोरी, उल्टी-चक्कर, थकान महसूस करें और हो सकता है आपके शरीर की बनावट में भी कुछ परिवर्तन आ सकता है। किमोथेरेपी और कुछ हार्मोनल थेरेपियों के कारण अस्थायी रूप से मैनोपोज के लक्षण दिखाई दे सकते हैं या शरीर में हार्मोनल परिवर्तन मैनोपोज का कारण भी बन सकता है।
अपने माता-पिता को ब्रेस्ट कैंसर के बारे में बताएं
आपके माता-पिता के लिए यह खबर निश्चित ही दुखदायी हो सकती है। लेकिन इसकी जानकारी उन्हें देना बहुत ज़रूरी है साथ ही यह खबर उन्हें देते समय आपको भी बहुत सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। इसके लिए आप अपने भाई-बहनों की सलाह और मदद ले सकती हैं और क्या बात करनी है इसके बारे में पहले से सोच कर रख सकती हैं। आपको अपने माता-पिता से इस बारे में क्या अपेक्षा है, इस बारे में स्पष्ट रहें और इस बात को सुनिश्चित कर लें कि वे आपकी स्थिति को अच्छी तरह समझ लें।
अपने बच्चों को इस समाचार को समझने में मदद करें
अपने बच्चों को अपने ब्रेस्ट कैंसर के बारे में बताना सबसे मुश्किल काम हो सकता है। इसलिए यह सबसे अच्छा होगा कि अपने बच्चों को बिना छिपाये सब कुछ बता दें नहीं अगर उन्हें लगा कि आप उनसे कुछ छिपा रही हैं तब वे परेशान हो सकते हैं।
कुछ माता-पिता अनचाहे सवाल-जवाबों के दौर से बचने के लिए अपने बच्चों को कैंसर के बारे में बताना ठीक नहीं समझते हैं। लेकिन अच्छा यही होगा कि उन्हें सब कुछ खुद ही बता दें नहीं तो वे किसी दूसरे तरीके से इसे ढूंढ सकते हैं।
सामान्य रूप से यही सलाह दी जा सकती है कि आपके ब्रेस्ट कैंसर की जानकारी बच्चों को खुद आपसे या आपके पति के द्वारा बता देनी चाहिए। अब यह बच्चों की आयु और लिंग पर निर्भर करता है कि आप उन्हें कब और कितनी जानकारी देती हैं। कभी-कभी युवा होती बेटियों को यह जानकारी देना एक बड़ी चुनौतीवाला काम हो सकता है। इसके अतिरिक्त अपने बच्चों को अपने इलाज के बारे में सारी जानकारी देती रहें और उन्हें आश्वस्त रखें कि आप जल्द ही ठीक हो जाएंगी।
इस बीमारी के इलाज और ठीक होने के प्रत्येक चरण में आप अलग-अलग भावनाओं, घबराहट और अच्छे व बुरे लगने के दौर से गुज़र सकती हैं। लेकिन यदि आपने अपने बच्चों से हर चरण के बारे में खुलकर बात कर ली है तब यह देखा गया है कि इस स्थिति में अधिकतर परिवारों में सबको एक दूसरे का भरपूर साथ मिल जाता है।
अपने मित्रों व दूसरे संबंधियों को सूचना दें
यदि आपके जीवन में कुछ ऐसे मित्र और संबंधी हैं जिनके साथ आपका रोज़ का संबंध है तब यही अच्छा होगा कि आप अपनी बीमारी की सूचना उन्हें भी दे दें। उनसे क्या बात करनी है, यह पहले से सोचकर रखें, इसके लिए आप उनसे मिलकर स्वयं या फिर टेलीफोन के जरिये भी सूचना भी दे सकती हैं।
हो सकता है कि कुछ संबंधी यह सूचना सुनने के बाद हैरानी, सदमें और घबराहट के रूप में प्रतिक्रिया दें। आप केवल इस बात पर ध्यान दें कि जैसे-जैसे इलाज की प्रक्रिया आगे बढ़ती है वैसे-वैसे आपको उनकी मदद की जरूरत हो सकती है।
अगर आपको लगता है कि वे आपकी किसी तरह से मदद कर सकते हैं तो आप उन्हें यह बात जरूर बताएं।
यह भी स्थिति बन सकती हैं कि आपके पास बहुत सारे मित्रों और संबंधियों से फोन कॉल आने लगें और आप इससे परेशान हो जाएँ। इस परेशानी से बचने के लिए आपको अपनी बातचीत को केवल ज़रूरी बातचीत तक सीमित करते हुए अपने इलाज तक ही स्वयं को सीमित करना होगा।
अपने कार्यस्थल के लोगों को सूचित करें
कैंसर के इलाज के कारण आपकी कार्य करने की क्षमता पर भी प्रभाव पड़ सकता है। यदि आप कहीं फुल टाइम जॉब करती हैं तब आपको अपने बॉस और सुपरवाइज़र को इस बारे में सूचित करना बहुत जरूरी है। आप अपनी मेडिकल रिपोर्ट्स के साथ उन्हें कोंटेक्ट करें और उन्हें अपनी छुट्टियों के साथ ही आगे होने वाले इलाज और बाद के फॉलो अप के बारे में भी विस्तार से बता दें। आपका एच आर डिपार्टमेन्ट आपकी इस समय लेने वाली छुट्टियों में आपकी मदद कर सकता है। इसके अलावा आप आपने उन सभी सहकर्मियों को जिनसे आपके संबंध नजदीकी के हैं, और वो आपकी ज़रूरत के समय मदद कर सकते हैं, को भी सूचित कर सकती हैं।
दूसरों की प्रतिक्रिया का अनुमान लगाना
आपके ब्रेस्ट कैंसर की सूचना मिलने के बाद सामने वाला व्यक्ति किस प्रकार की प्रतिक्रिया देगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह आपसे उसका संबंध कितना नजदीक है और उस व्यक्ति की सहनशक्ति कितनी है?
हो सकता है इस सूचना को सुनने के बाद कुछ लोग परेशान हो जाएँ और वहीं कुछ लोग इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार भी कर सकते हैं। व्यक्ति की प्रतिक्रिया इस बात पर भी निर्भर होती है कि वह व्यक्ति इस बीमारी के बारे में कितना जानता है या फिर वह इस बीमारी की गंभीरता और तथ्यों से पूरी तरह से अनभिज्ञ है। वो कैंसर या किसी अन्य गंभीर बीमारी के अनुभव के आधार पर भी इस सूचना पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं। अधिकतर लोगों का कैंसर जैसी बीमारी से संबंध नहीं होता है। कुछ लोग यह सोचकर भी कि आप बिना घबराए हुए इस स्थिति का सामना कर सकें इसलिए अपने डर, चिंता और लाचारी को व्यक्त न करके बल्कि पूरी तरह से पॉज़िटिव प्रतिक्रिया देते हैं। इसलिए अच्छा यही होगा कि आप अपनी बीमारी और अपनी भावनाओं को अपने नजदीकी रिश्तों के साथ बातचीत करके साझा करें न कि उनसे अपनी सही भावनाओं को छिपा कर दुनिया के सामने मुसकुराते चेहरे के साथ नज़र आयें।
आपके ब्रेस्ट कैंसर के प्रति किसी भी व्यक्ति की प्रतिक्रिया का अनेक कारणों से अनुमान लगाना कठिन होता है, लेकिन यदि आपको ही इस बारे में बातचीत करने में संकोच हैं तब आप सही शब्दों के चयन के लिए किसी भी नर्स/थेरेपिस्ट/सामाजिक कार्यकर्ता/काउंसलर की मदद ले सकती हैं।
संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि अपनी परेशानी को अपने तक ही सीमित करने से अच्छा है कि उसे व्यक्त करते हुए दूसरों को बता दें-क्योंकि यह केवल ज़िंदगी का एक पहलू ही है। इस तरह बात करने विशेषकर उन लोगों से जो हर तरह से आपके नजदीक हैं और सचमुच आपका भला चाहते है, बातचीत करने से आपको बहुत मदद मिल सकती है।
लेखिका :प्रत्यूशा मजूमदार